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UPPSC Exam Syllabus 2015 [For UP University Service Assistant Registrar]

Latest Scheme of Exam & Syllabus for UP University Service Assistant Registrar Exam-2014 Uttar Pradesh Public Service Commission Service Asstt Registrar Examination Syllabus Important Topics to Study
UPPSC Exam Syllabus 2015
Uttar Pradesh Public Service Commission (UPPSC) is going to conduct Uttar Pradesh University (Centralized) Service Asstt. Registrar Exam-2014. Nowadays Competition Level become very high so Competitive Exams gets too tougher. Students facing critical problem of “What to prepare” and “How to prepare” to give their best in their exams. So, here we are providing the latest Syllabus & Exam Pattern of Assistant Registrar Exam conducting by Uttar Pradesh Public Service Commission (UPPSC).
Exam Pattern : Exam Pattern for the Service Assistant Registrar written Exam is as Follows :-
Sr. No.SubjectTimeMax. Marks
1.General Studies03:00 Hrs.200
2.General Hindi, Drafting Summaries, Essays03:00 Hrs.200
3.Uttar Pradesh Financial Terms and Office Rule03:00 Hrs.100
4.Personality Test/ Interview 50
 TOTAL550
Exam Syllabus : Exam Syllabus for Assistant Registrar written Exam is given below :-
Paper-I (General Studies)
Part-I (General Studies) : The paper of General Studies will include questions on the following topics :-
1. General Science
2. Current events of national and international importance
3. History of India
4. National Movement
5. Indian polity and economy
6. World Geography and population
Question on General Science will cover general appreciation and understanding of science, including matters of everyday observation and experience, as may be expected of a well educated person who has not made a special study of any scientific discipline.
In History of India emphasis should be on broad understanding of economic, social, cultural and political aspects of Indian History.
In Indian National Movement, the candidates are expected to have a synoptic view of the nature and character of the Indian freedom Movement, growth of nationalism and attainment of independence.
In Indian Polity and economy question will test knowledge of the candidates pertaining to Indian Polity including the Indian Constitution, Panchayati Raj and Community Development, broad features of Indian economy and planning.
In World Geography and Population, only general understanding of the subjects will be expected with emphasis on physical/ecological, economic and socio-demographic aspects of Geography of India.
Candidates are expected to have general awareness about the above topics with special reference to Uttar Pradesh.
सामान्य हिन्दी
(1) निबन्ध (लगभग 400 (चार सौ) शब्दों में) 40 अंक
(2) गद्यांश – लगभग 300 (तीन सौ) शब्दों का
(क) उचित शीर्षक 5 अंक
(ख) मूल गद्यांश का सारांश 20 अंक
(ग) तीन रेखांकित अंशों की व्याख्या 15 अंक
(3) हिन्दी- आलेखन- 15+15= 30 अंक
शासकीय, अद्‍​र्धशासकीय पत्र, कार्यालय-आदेश, कार्यालय-ज्ञाप, परिपत्र, विज्ञप्ति, निविदा-सूचना, टिप्पणी।
(4) (क) किन्हीं पाँच शब्दों में से प्रत्येक के चार-चार पर्यायवाची शब्द बतायें– 10 अंक
(ख) किन्हीं पाँच शब्दों के विपरीतार्थक शब्द बताइए– 05 अंक
(ग) किन्हीं पाँच शब्द-युग्मों में शब्दों के अर्थगत अन्तर स्पष्ट करते हुए उनका अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए– 10 अंक
(घ) किन्हीं पाँच पदों में से प्रत्येक में समास का नाम बताइए– 05 अंक
(5) (क) किन्हीं पाँच शब्दों की वर्तनी शुद्ध कीजिए– 10 अंक
(ख) किन्हीं पाँच वाक्यों को शुद्ध करके लिखिए– 10 अंक
(ग) किन्हीं पाँच वाक्यांशों में से प्रत्येक के लिए एक-एक शब्द दीजिए– 10 अंक
(6) (क) किन्हीं पाँच मुहावरे एवं लोकोक्तियों के अर्थ स्पष्ट करते हुए उनका अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए– 15 अंक
(ख) किन्हीं पाँच शब्दों में से प्रत्यय और उपसर्ग छांटकर लिखिए– 05 अंक
(ग) किन्हीं पाँच शब्दों के एकाधिक अर्थ लिखिए– 10 अंक
0प्र0 वित्तीय नियम व कार्यालय ‘‘प्रक्रिया सम्बन्धी मैन्युअल’’ का पाठ्यक्रम
1. उत्तर प्रदेश वित्तीय हस्त पुस्तिका भाग-2 खण्ड 2 से 4 जहाँ तक इसका सम्बन्ध मूल नियम व सहायक नियमों से है। तथा वेतन निर्धारण, अवकाश नियम, सेवा सम्बन्धी प्रकरण।
2. वित्तीय हस्त पुस्तिका भाग-5 खण्ड 1, लेखा नियमों की जानकारी हेतु।
चैप्टर-4 व चैप्टर-5- वेतन व भत्तों सम्बन्धी लेखा नियम।
चैप्टर-6- अधिकारियों व कर्मचारियों के वेतन देयकों का निर्माण।
चैप्टर-7- अधिष्ठान सम्बन्धी नियम।
चैप्टर-8- आकस्मिक व्यय- विभिन्न अधिकारियों की जिम्मेदारियाँ तथा नियंत्रण अधिकारी का दायित्व।
चैप्टर-10- ऋण व अग्रिम सम्बन्धी लेखा नियम।
चैप्टर-13- निर्माण कार्य सम्बन्धी लेखा नियम।
चैप्टर-18- सेवा सम्बन्धी निधियाँ यथा कर्मचारी भविष्य निधि।
3. वित्तीय हस्त पुस्तिका भाग-3- यात्रा भत्ता सम्बन्धी नियम।
चैप्टर-1- दैनिक भत्ता की परिभाषा, परिवार की परिभाषा, विभागाध्यक्ष, सड़क यात्रा भत्ता, जनसामान्य के लिए अनुमन्य वाहनों से यात्रा करना।
चैप्टर-2- यात्रा सम्बन्धी सामान्य नियम।
चैप्टर-3- सामान्य यात्राओं सम्बन्धी नियम।
चैप्टर-4- विशेष यात्राओं सम्बन्धी नियम।
- स्थानान्तरण पर अनुमन्य यात्रा भत्ता।
- प्रथम नियुक्ति पर कार्यभार ग्रहण करते समय अनुमन्य यात्रा भत्ता।
- विभागीय परीक्षाओं पर भाग लेने हेतु अनुमन्य यात्रा भत्ता।
- निलम्बन अवधि में की गयी सरकारी यात्राओं पर अनुमन्य यात्रा भत्ता अथवा साक्ष्य हेतु उपस्थित होने पर देय यात्रा भत्ता।
चैप्टर-6- मृत्यु अथवा सेवा निवृत्ति पर अनुमन्य यात्रा भत्ता।
चैप्टर-7- वाहन भत्ता सम्बन्धी नियम।
4. सिविल सर्विस रेगुलेशन: भाग 1, 4, 8 व 10 जैसा कि उ0प्र0 राज्य में लागू करने हेतु अंगीकृत किया गया।
भाग-4 सामान्य पेंशन नियम।
- अर्ह सेवा की शरतें।
- सेवा अवधि आगणन के नियम।
- पेंशन स्वीकृत करने की शरतें।
- देय पेंशन का निर्धारण।
भाग-8- सेवा अभिलेखों का रख-रखाव।
भाग-10- पेंशन आवेदन का प्रक्रियात्मक ज्ञान।
5. भण्डार क्रय नियम तथा उ0प्र0 सरकार के अनुपूरक नियम तथा भण्डार क्रय के सम्बन्ध में निर्गत विभागीय (निदेशक उद्योग) के विभिन्न परिपत्र।
6. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा अनुमन्य विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों के विभिन्न वेतनक्रमों में वेतन निर्धारण, समयबद्ध प्रोन्नतियाँ, डाक्टरेट उपाधि धारी प्राध्यापकों को अग्रिम वेतन वृद्धियाँ स्वीकृत करना आदि के सम्बन्ध में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा निर्गत विभिन्न परिपत्रों में उल्लिखित नियमों का सम्यक ज्ञान।
7. कार्यालयीय प्रक्रिया सम्बन्धी मैनुअल।
मैनुअल ऑफ गवर्नमेण्ट आर्डर्स को सन्दर्भ पुस्तिका के रूप में उपयोग किया जा सकता है।
(i) विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा निर्गत परिपत्र के कतिपय अस्पष्ट बिन्दुओं को पूर्णतया स्पष्ट करने हेतु अध्यक्ष, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को पत्र लिखने के लिए अभ्यर्थियों से कहा जाय।
(ii) अभ्यर्थियों से कहा जाये कि वे कुलपति की तरफ से कुलाधिपति को एक अ0शा0पत्र लिख कर विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों के बीच वरिष्ठता निर्धारण सम्बन्धी मामलों पर निर्णय देने का अनुरोध करें।
For more Information please visit –

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